दुर्ग/ खिलेश्वर नेताम :- दुर्ग में आज शाम 4 बजे सिविल डिफेंस मॉकड्रिल, भिलाई स्टील प्लांट को ध्यान में रखते हुए जिला चुना गया पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और हालिया आतंकी हमलों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर देशभर में सिविल डिफेंस मॉकड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना और सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल्स की कार्यकुशलता का परीक्षण करना है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले को भी इस अभ्यास के लिए चुना गया है।
दुर्ग जिले में स्थित भिलाई स्टील प्लांट एक अत्यंत संवेदनशील और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। देश की औद्योगिक और आर्थिक संरचना में इसकी अहम भूमिका है। ऐसे में किसी भी आपदा, हमले या एयर स्ट्राइक की स्थिति में यह एक वल्नरेबल (संवेदनशील) लोकेशन बन सकता है इसी कारण दुर्ग जिले को मॉकड्रिल के लिए चिन्हित किया गया है।
कल शाम 4 बजे बजेगा सायरन
गृह मंत्रालय के आदेशानुसार कल यानी बुधवार को शाम 4 बजे सिविल डिफेंस मॉकड्रिल आयोजित की जाएगी। इसके तहत शहर के विभिन्न इलाकों में सायरन बजाए जाएंगे। यह सायरन किसी एयर स्ट्राइक या अन्य आपात स्थिति की चेतावनी के रूप में उपयोग में लाए जाएंगे। भिलाई स्टील प्लांट सहित दुर्ग शहर के विभिन्न इलाकों में सायरन इंस्टॉल किए गए हैं ताकि पूरे क्षेत्र को कवर किया जा सके।
सामान्य नागरिकों को क्या करना है?
इस मॉकड्रिल के दौरान आम नागरिकों को यह समझाने और अभ्यास कराने की कोशिश की जाएगी कि अगर कोई वास्तविक खतरा हो, तो उन्हें क्या करना चाहिए। सड़क पर चल रहे लोग, घरों में मौजूद परिवार या दफ्तरों में काम कर रहे कर्मचारी सभी को एक निर्देशित प्रक्रिया के तहत आचरण करना होगा।
इस उद्देश्य से प्रशासन द्वारा एक विशेष ट्रेनिंग वीडियो तैयार किया गया है, जिसमें आपातकाल के दौरान व्यवहार, शेल्टर प्वाइंट्स तक पहुंचने की प्रक्रिया और खुद को सुरक्षित रखने के उपाय बताए गए हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है।
रेस्क्यू और मेडिकल व्यवस्था
किसी आकस्मिक परिस्थिति में यदि कोई व्यक्ति घायल होता है या चिकित्सा की आवश्यकता होती है, तो उसके लिए NDRF, SDRF, CISF और जिला पुलिस की टीमें पूर्ण समन्वय में रहेंगी। इसके अतिरिक्त जिला बाल होम गार्ड्स के माध्यम से घायलों को नज़दीकी अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस मूवमेंट की भी योजना बनाई गई है।
दुर्ग जिला प्रशासन ने यह भी बताया कि 1000 बिस्तरों वाली मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसमें से 800 बेड ऑक्सीजन सप्लाई से युक्त हैं, जिससे किसी भी मेडिकल इमरजेंसी को तुरंत हैंडल किया जा सके।
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे मॉकड्रिल के दौरान घबराएं नहीं और वीडियो में दिए गए निर्देशों का पालन करें। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति अफवाह या भ्रामक जानकारी फैलाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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